भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने रू़पी को बाहरी उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए वित्त वर्ष 2024–25 में ग्रॉस आधार पर रिकॉर्ड $398.71 अरब की विदेशी मुद्रा बेची। यह RBI का अब तक का सबसे बड़ा हस्तक्षेप है, जो वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और खासकर अमेरिका में संभावित नेतृत्व परिवर्तन व व्यापार नीतियों से जुड़े जोखिमों के बीच रू़पी की रक्षा के लिए किया गया।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान विदेशी मुद्रा की अब तक की सबसे अधिक सकल बिक्री के आंकड़े जारी किए हैं, जो मुख्य रूप से रुपये के मूल्यह्रास और वैश्विक आर्थिक जोखिमों के कारण हुआ है। यह डेटा भारत के रणनीतिक विदेशी मुद्रा प्रबंधन प्रयासों और मुद्रा की रक्षा से जुड़ी पर्याप्त वित्तीय लागत को उजागर करता है।
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